आज के आधुनिक युग में कंप्यूटर का बहुत ही महत्व है। आये दिन कंप्यूटर का विकास बढ़ता जा रहा है। तो ऐसे में हमें कंप्यूटर के बारे में जानकारी होना आवश्यक हो गया है। यहाँ पर हम बात करने वाले है। Computer kya hai full detail ? Computer full form in Hindi. तो चलिए जानते है कंप्यूटर क्या है कंप्यूटर का विकास कैसे हुआ।
दोस्तों Computer शब्द की उत्पत्ति Compute शब्द से हुआ है जिसका अर्थ है- गणना करना। अतः कंप्यूटर का अर्थ है – गणना करने वाला। आप तो जानते ही है कंप्यूटर का आविष्कार गणना करने किया जाता था। लेकिन आधुनिक युग में इसका कार्यक्षेत्र अधिक Advanced और व्यापक हो चूका है। इसलिए इसे संगणक या Computer कहा जाने लगा है।
Computer Full form In Hindi(कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है?)
Computer का तात्पर्य एक ऐसे यंत्र से है, जिसका उपयोग गणना प्रक्रिया, यांत्रिकी, अनुसंधान, शोध आदि कार्यों में किया जाता है। computer हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का ऐसा संयोजन है, जो डेटा को सूचना (Information) में परिवर्तित करता है।
Computer शब्द अंग्रेजी के आठ अक्षरों से मिलकर बना है, जो इसके अर्थ को और भी अधिक व्यापक बना देते है।
computer full form in hindi or english
C | Commonly | कमोनली |
O | Operated | ऑपेरेटिड |
M | Machine | मशीन |
P | Particularly | पर्टिक्यूलरली |
U | Used for | यूज्ड फॉर |
T | Technical | टेक्निकल |
E | Education | एजुकेशन |
R | Research | रिसर्च |
कंप्यूटर की विशेषताएं ( Characteristics of Computer)
ऐसे Computer की बहुत से विशेषताएँ होती है। पर हम यहां पर Computer की मुख्य विशेषताओं के बारे में बात करने वाले है।
- गति (Speed)
- भण्डारण (Storage)
- त्रुटिहीनता (Accuracy)
- स्वचालन ( Automation)
- सार्वभौमिकता (Versatility )
- सक्षमता ( Diligence)
गति (Speed)-
Computer का सबसे बड़ा गुण, गणना करने की उसकी तीव्र गति है। वास्तव में computer का निर्माण तेज गति से गणना करने वाली मशीन के रूप में किया गया था। computer एक सेकण्ड लाखों गणनाएं कर सकता है। वर्तमान में, कंप्यूटर नैनो सेकंड ( 10-9 सेकण्ड ) में भी गणनाएं सकता है।
भण्डारण (Storage)-
Computer अपनी मेमोरी में सूचनाओं को विशाल भंडार संचित कर सकता है। इसमें आकड़ों एवं प्रोग्रामों के भण्डारण की क्षमता होती है। Computer के बाहरी (External) तथा आंतरिक (Internal) संग्रहण माध्यमों ( हार्ड डिस्क, सीडी, Rom आदि में) देता और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है। जिसको हम प्रायः इस्तेमाल कर सकते है।
त्रुटिहीनता (Accuracy)
Computer द्वारा किये गये कार्यो की त्रुटिहीनता की दर बहुत ऊंची होती है। यह कठिन से कठिन प्रश्न का बिना किसी Error के बिलकुल सही परिणाम निकल देता है। गणना के समय यदि कोई त्रुटि पायी जाती है तो वह प्रोग्राम या डेटा में मानवीय त्रुटियों के कारण होती है। यह गलती सूचनाओं ( Information or Data ) के कारण होती है।
स्वचालन ( Automation)
Computer एक स्वचालित मशीन है, है जिसमे गणना के दौरान मानवीय हस्तक्षेप किये बिना ही कार्य करता है। हालाँकि कंप्यूटर को कार्य करने के लिए निर्देश मनुष्य द्वारा ही दिए जाते है। और इसमें त्रुटियाँ होने के कम chance रहता है।
सार्वभौमिकता (Versatility )
Computer मानव के तुलना में कही अधिक क्रियाशील होते है। ये विभिन्न प्रकार के कार्यो को एक साथ एक समय में पूरा कर सकते है।
सक्षमता ( Diligence)
एक मशीन होने के कारण Computer पर बाहरी वातावरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। वह किसी भी कार्य को बिना ही लाखों करोड़ो बार कर सकता है। Computer अपने कार्य में सक्षम भूमिका निभाता है। यही कारण है कि कंप्यूटर की उपरोक्त सभी विशेषताएं इसे एक काबिल मशीन Computer बनाती है।
कंप्यूटर विकास का इतिहास ( History of computer Evolution )
आधुनिक Computers को अस्तित्व में आये हुए मुश्किल से 50 साल ही हुए होंगे। लेकिन Computer विकास का इतिहास बहुत पुराना है। computer हमारे जीवन के हर काम में किसी न किसी तरह से शामिल है। पिछले लगभग चार दशक में कंप्यूटर ने हमारे धरती के रहन सहन व काम करने के तरीके को बदल दिया है।
आविष्कार | आविष्कारक | समय | अनुप्रयोग |
अबेकस ( Abacus ) | ली काई चेन ( चीन ) | 16वीं शताब्दी | जोड़ने व घटाने के लिए प्रयोग किया जाता था। |
नेपियर्स बोन्स (Napier’s Bones) | जॉन नेपियर (स्कॉटलैण्ड) | 1617 | गणनात्मक परिणाम को ग्राफिकल संरचना द्वारा दर्शाया जाता था। |
स्लाइड रूल (Slide Rule) | विलियम आटरेड (जर्मनी) | 1620 | यह लघुगणक विधि के आधार पर सरलता से गणनाएं कर सकता था। |
पास्कलाइन (Pascaline) | ब्लेज पास्कल (फ्रांस) | 1642 | संख्याओं को जोड़ने और घटाने के लिए किया जाता है। |
लेबनीज का यांत्रिक कैलकुलेटर (Mechanical Calculator of Leibnitz) | गोटफ्रेड वॉन लेबनीज (जर्मनी) | 1971 | यह मशीन जोड़ घटाव के साथ-साथ गुणा व भाग करने में भी समर्थ था। |
जेकॉडर्स लूम (Jacquard Loom) | जोसेफ-मेरी जैकार्ड (फ़्रांस) | 1801 | इसका प्रयोग कपड़े बुनने के लिए किया जाता था। |
डिफरेंस इंजन (Difference Engine ) | चार्ल्स बैबेज (इंग्लैंड) | 1822 | इस मशीन की सहायता से विभिन्न बीजगणितीय फलनों का मान दशमलव के 20 स्थानों तक शुध्दतापूर्वक ज्ञात किया जा सकता था। |
एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine) | चार्ल्स बैबेज (इंग्लैंड) | 1833 | इसका प्रयोग सभी गणितीय क्रियाओं को करने को करने में किया जाता था। |
टेबुलेटिंग मशीन ( Tabulating Machine) | हर्मन होलेरिथ (अमेरिका) | 1889 | इसका प्रयोग 1990 की जनगणना में किया गया था। |
मार्क-1 (Mark-1) | हावर्ड आइकन (अमेरिका) | 1944 | इसका प्रयोग गणनाएँ करने में किया जाता था। |
एनिएक (ENIAC) | जे पी एकर्ट और जॉन मौचली (अमेरिका) | 1946 | इसका प्रयोग प्राइवेट फर्मो, इंजीनियर्स रिसर्च एसोसिएशन और IBM द्वारा किया गया था। |
एडसैक (EDSAC) | मौरिस विल्कस (यूके) | 1949 | वर्ष 1951 में मिलर और व्हीलर ने एक 79 अंको के प्राइम नंबर को खोज करने के लिए इसका प्रयोग किया था। |
एडवैक (EDVAC) | जॉन वॉन न्यूमैन (अमेरिका) | 1950 | यह गणनाएँ करने का काम करता था। |
युनिवैक (UNIVAC) | जे प्रेस्पर एकर्ट और जॉन मौचली | 1951 | इसका प्रयोग वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए किया जाता था। |
कंप्यूटर की पीढ़ियाँ ( Generations of Computer )
दोस्तों कंप्यूटर के विकास में काफी वर्षों का टाइम लगा ऐसा नहीं था की Computer एक ही बार में तैयार हो गया था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद कंप्यूटर के विकास में तेजी आयी और उनके आकार और प्रकार कार्य क्षमता में भी परिवर्तन हुआ। आधुनिक computers के विकास के इतिहास में तकनीकी विकास के अनुसार Computer को कई भागों में बात गया है। जिन्हें computer की पीढ़िया ( Generation of Computer) कहा गया है।
पीढ़ी | वर्ष | स्विचिंग युक्तियाँ | स्टोरेज युक्तियाँ |
प्रथम | 1940-56 | वैक्यूम ट्यूब | मैग्नेटिक ड्रम |
द्वितीय | 1956-63 | ट्रांजिस्टर | मैग्नेटिक कोर टेक्नोलॉजी |
तृतीय | 1964-71 | इण्टीग्रेटेड सर्किट (IC) | मैग्नेटिक कोर |
चतुर्थ | 1971-वर्तमान | बड़े पैमाने पर इण्टीग्रेटेड सर्किट/ माइक्रो प्रोसेसर्स | सेमीकंडक्टर मेमोरी, विंचेस्टर डिस्क |
पंचम | वर्तमान-आगे तक | बड़े पैमाने पर इण्टीग्रेटेड सर्किट | आप्टिकल डिस्क |
कंप्यूटर का वर्गीकरण ( Classification of Computer )
Computer को उनकी रुपरेखा, कामकाज, उद्देश्य, और प्रयोजनों इत्यादि के आधारों पर विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। आप निचे देख सकते है।
- आकार के आधार पर ( ON the Basis of Size )
- उद्देश्य के आधार पर ( On the Basis of Purpose)
- अनुप्रयोग के आधार पर ( On the Basis of Application)
आकार के आधार पर ( ON the Basis of Size )
- माइक्रो कंप्यूटर
- मिनी कंप्यूटर
- मेनफ्रेम कंप्यूटर
- सुपर कंप्यूटर
उद्देश्य के आधार पर ( On the Basis of Purpose)
- सामान्य उद्देशीय कंप्यूटर
- विशिष्ट कंप्यूटर
अनुप्रयोग के आधार पर ( On the Basis of Application)
- एनालॉग कंप्यूटर
- डिजिटल कंप्यूटर
- हाइब्रिड कंप्यूटर
Conclusion-
दोस्तों यहाँ पर हमने Computer full information के बारे में बताया है। कंप्यूटर क्या है। ( Computer kya hai full form in hindi ) यहाँ पर Computer के बारे में बताया है। अगर जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसे ही Technology, earn money और Blogging के बारे में अधिक जानकारी के लिए Hindimeloud.com को follow करना न भूले।